पल पल में पल की क्या बात करें
जी लो अब इस पल में
कौन जाने ये पल फिर नसीब हो न हो
क्या सोचें बीते पल का
क्या करे इंतज़ार अगले पल का
जो है वो बस यही पल है
खुशियां समेटें इस पल में
खिलखिला ले बस इसी पल में
किसने देखा अगला पल है
आओ कुछ प्यार समेटे
आओ कुछ प्यार लुटाएं
जी भर के जी लें इस पल में
ये पल ही तो जीवन है
ये पल ही तो जीवित है
ये पल ही तो सार है
~०६/०१/२०१७~
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