शुष्क हवाओं के दरमियां
लहराते केशों के संग गान
चमकीली धुप में झुलसती
पीली पड़ी नाचती पत्तियां
बाजे चिड़ियों की मीठी तान
छोटे छोटे घरोंदों में थी नन्ही जान
जो कर रही अपना जल पान
स्वच्छ अम्बर में चमका चाँद
मनमोहक तारों ने दिया बाँध
खरगोश फुदक पंहुचा अपनी माँद
शीतल हवा के झोके ने
करे हया के सब परदे फाँद
दिल की बगिया महकी
डाल पे चिड़िया चहकी
फ़िज़ाओं के होश ले बहकी।
~ ०७/०४/२०२० ~
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