Tuesday, June 8, 2021

खोना

कॉरोना काल ने कितनों को लील लिया। ऐसा लगता है भगवान को बहुत सारी आत्माओं के साथ रहने का मन है। 

जीवन में हमे कितने ही लोग मिलते है, लेकिन उनमें से कुछ ही होते है जो अपनी अमिट छाप छोड़ जाते है। 

वो एक सिहनी सी 
चपल हिरनी सी
ऊर्जा की थी अथाह सागर
ममता से भरी गागर
हिम्मत से बड़ना हमे सिखाया
वजूद को अपने पहचानना बताया
जो पहचान मेरी आज है
वो सब तेरी ही देन है 
एक नजर देख भी ना पाए
अंत में तुझसे मिल भी ना पाए
भूल जाना चाहे इस जग को
लेकिन हम ना भूलेंगे तुझको
अपने बढ़ते हर कदम पर
याद करते रहेंगे तुझको।

मेरी गुरु तुम्हे प्रणाम। जीवन भर में आप के जैसा ना गुरु मिला है और शायद ना ही आगे मिल पाएगा। 

में एक caterpillar की तरह अपने cacoon में बंद थी। वो आप ही थी जिसने मुझे निकाला बाहर वहां से, पंखों से मेरे, पहचान कराई। कितना कुछ सीखा है आपसे अपने विषय के बारे में और जीवन के भी बारे में। जहां भी रहें आप, अपनी प्रेरणा देते रहना।

हरी ॐ

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